देहरादून, 10 अक्टूबर। उत्तराखंड में पीएमजीएस वाई के तहत बनने वाली ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी पर संबंधित विभागों को जल्द स्थिति स्पष्ट करनी होगी। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस संदर्भ में निर्देश जारी करते हुए स्पष्ट मापदंड निर्धारित करने के लिए विभागों को कहा। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्मित सड़कों के रखरखाव पर चर्चा की गई। इस दौरान लोक निर्माण विभाग और ग्रामीण निर्माण विभाग के अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए गए.
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सुदूर क्षेत्रों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। सड़कों का रखरखाव किस विभाग या एजेंसी के माध्यम से कराया जाएगा, इस पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है, इसी को देखते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान सीएस रतूड़ी ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनने वाली सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी तय करने के लिए लोक निर्माण विभाग और ग्रामीण निर्माण विभाग को संयुक्त बैठक करते हुए इसके रखरखाव को लेकर कार्य आवंटन से संबंध स्पष्ट मापदंड निर्धारित करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता और टिकाऊ पन में सुधार के लिए बेहतर व्यवस्था अपनाये जाने के लिए भी कहा है। दुर्गम और सुदूरवर्ती क्षेत्रों में खासतौर पर आपदा की स्थिति में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाई गई सड़कों का रखरखाव जरूरी है।
मुख्य सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत उत्तराखंड में ग्रामीण सड़कों के निर्माण की जिम्मेदारी मुख्य रूप से उत्तराखंड ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण की है। इस समय लोक निर्माण विभाग ऐसी सड़कों का निर्माण के बाद रखरखाव कर रहा है, जबकि ग्रामीण निर्माण विभाग के पास भी सड़कों के निर्माण और रखरखाव का अनुभव है। इसी को देखते हुए पीएमजीएसवाई के तहत बनाई गई सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी किस आधार पर आवंटित की जाए इस पर विचार किया गया है।

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