देहरादून, 03 दिसम्बर। फिरौती देने वाला खुद शिकार बन गया और 10 करोड की रकम के चक्कर में साथी ने ही हत्या कर दी। घटना के मास्टर मांइड को पुलिस ने गिरफ्तार कर रहस्य से पर्दा हटाया। एसएसपी ने पुलिस टीम को 10 हजार रूपये ईनाम देने की घोषणा की।
आज यहां पत्रकारों से वार्ता करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि 30 नवम्बर की सुबह थाना पटेल नगर को सूचना मिली कि यमुनोत्री विहार फेस 2 चंद्रबनी में एक किराए के मकान पर एक व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हुई है। सूचना पर पुलिस घटना स्थल पर पहुंची। घटनास्थल पर एक व्यक्ति मृत अवस्था में पड़ा मिला, प्रथम दृष्टया उक्त व्यक्ति की गला घोंटकर हत्या करना प्रकाश मे आया। मृत व्यक्ति की पहचान मंजेश कुमार पुत्र सुरेंद्र कुमार निवासी गांजा माजरा खेड़ी जिला हरिद्वार के रूप में हुई। उक्त मकान के मालिक प्रदीप कुमार बौडीयाल से पूछताछ मे पता चला कि उनके द्वारा विगत दो माह से अपने मकान के ऊपर एक कमरा सचिन पुत्र नरेश कुमार निवासी भगवानपुर हरिद्वार को किराये पर दिया था तथा उक्त कमरे मे उसके एक साथी अर्जुन का भी आना जाना था। रात्रि मे उक्त कमरे मे सचिन व अर्जुन के साथ मृतक मंजेश भी रुका था तथा घटना के बाद से ही सचिन और अर्जुन अपने कमरे से फरार थे, जिनके फोन नम्बर बन्द है। आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु थाना पटेलनगर व एसओजी की अलग—अलग टीमो का गठन कर संभावित स्थानों को रवाना किया गया। पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुये घटना के 24 घण्टे के भीतर घटना में शामिल सचिन को आशारोड़ी के पास से गिरफ्तार किया गया। घटना में फरार चल रहे अर्जुन की गिरफ्तारी हेतु पुलिस अर्जुन पुत्र बलवान निवासी ग्राम बिजोली, सोनीपत हरियाणा को झझर कोर्ट के बाहर से गिरफ्तार किया गया। जिससे पूछताछ में उसके द्वारा प्रापर्टी डिलिंग में मंजेश के पार्टनर संजय उर्फ फौजी के कहने पर अपने साथी अर्जुन के साथ मिलकर मंजेश की गला घोट का हत्या किया जाना स्वीकार किया गया। साथ ही घटना के बाद मृतक मंजेश के गले की चेन तथा अंगूठी को अपने एक साथी अफजल के पास छोड़ने की जानकारी दी। मंजेश तथा संजय उर्फ फौजी आपस में पार्टनर थे, फौजी द्वारा राजपुर रोड़, सहस्त्रधारा तथा झाझरा हाइवे में जमीन प्लॉटिंग के लिये उठायी गयी थी जिसमें मंजेश उससे आधी हिस्सेदारी मांग रहा था। इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद चल रहा था। मंजेश द्वारा अर्जुन को संजय उर्फ फौजी को मारने की सुपारी दी।
उक्त बात को अर्जुन से संजय उर्फ फौजी को बता दी। संजय द्वारा अर्जुन को बताया गया कि उसने राजपुर रोड़, सहस्त्रधारा तथा झाझरा हाइवे में जो जमीन उठायी गयी है यदि उसकी डील हो जाती है तो उसे 80—90 करोड़ का फायदा होगा, जिसमें से मंजेश आधा हिस्सा मांग रहा है। यदि अर्जुन मंजेश की हत्या कर दे तो वह उसे उसके एवज में 10 करोड़ रूपये देगा। जिसके लिए अर्जुन तैयार हो गया। अर्जुन अपने एक अन्य साथी सचिन को घटना में शामिल कर लिया। उसके द्वारा रात्रि में मंजेश को पार्टी के बहाने सचिन के कमरे में बुलाया, जहां मंजेश को शराब पिलाने के बाद सचिन तथा अर्जुन द्वारा गला घोटकर उसकी हत्या कर दी। दोनों मृतक के शव को ठिकाने लगाने की योजना बना रहे थे कि अचानक पुलिस के आने पर दोनों घबराकर छत से नीचे कूदकर फरार हो गये। इस दौरान अपने साथी सचिन की गिरफ्तारी की जानकारी मिलने पर अर्जुन द्वारा गिरफ्तारी से बचने के लिये सोनीपत कोर्ट में सरेण्डर करने की योजना बनायी पर पुलिस टीम द्वारा उसको सरेण्डर करने से पूर्व कोर्ट के बाहर से गिरफ्तार कर लिया।

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