देहरादून। पेपरलैस प्रक्रिया के विरोध में अधिवक्ताओं ने विरोध स्वरूप कार्य बहिष्कार कर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया।
शुक्रवार को पेपरलैस प्रक्रिया के विरोध में अधिवक्ता बार भवन में एकत्रित हुए जहां से वह अध्यक्ष राजीव शर्मा के नेतृत्व में जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे जहां पर उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन में उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में जमीनों के क्रय -विक्रय का पंजीकरण पूरी तरह पेपरलैस होने जा रहा है। सरकार की ओर से इस संबंध में सारी तैयारियां पूरी कर ली गयी है। पूरी व्यवस्था पेपरलैस होन पर वर्चुवल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया अमल में लायी जायेगी। इसके लिए उत्तराखंड ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन नियमावली 2025 का प्रस्ताव बनाये जाने का सरकार की ओर से निर्णय लिया जा रहा है। इस व्यवस्था के लागू होने के बाद विलेखों में पंजीकरण के लिए पक्षकार अपने ही स्थान से विलेख पत्रों को तैयार कर ऑनलाईन लिंक के माध्यम से प्रस्तुत कर सकेगा। वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से दस्तावेज पंजीकरण करा सकेंगे।
यूसीसी की नियमावली 2025 लागू हो जाने के पश्चात विवाह पंजीकरण एवं वसीयत पंजीकरण ऑनलाईन साइबर कैफे से हो रही है और अधिवक्ता इस प्रक्रिया से पूरी तरह बाहर हो गये हैं जिस कारण अधिवक्ताओं में भारी रोष व्याप्त है। उन्होंने मांग की है कि पेपरलैस रजिस्ट्रेशन की ऑनलाइन प्रक्रिया को भी पूर्व की भांति उपनिबन्धक कार्यालय में ही अधिवक्ताओं के माध्यम से कराया जाना सुनिश्चित कराया जाये।
