देहरादून। देहरादून में ऐतिहासिक झंडा मेला का बुधवार को शुभारंभ हो गया है। यह मेला प्रेम, सद्भाव और आस्था का प्रतीक माना जाता है, जो हर वर्ष होली के पाँचवें दिन से शुरू होता है। इस अवसर पर श्री दरबार साहिब में भव्य झंडा आरोहण समारोह आयोजित किया जाता है, जिसमें देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं।

बुधवार को ऐतिहासिक झंडा मेले के लिए बाहरी प्रदेशों से श्रद्धालुओं का सेलाब उमड़ पड़ा है। सहारनपुर चौक से लेकर झंडा जी तक पैर रखने की जगह नहीं है। चारों तरफ श्रद्धांलुओं का तांता लगा हुआ है। पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा के कडें इंतेजाम किये हुए है जिसके चले झंडा बाजार से सहारनपुर चौक पर बैरकेडिंग लगाकर वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गयी है।दुपहिया वाहनों को भी मेला स्थल तक जाने से रोक दिया गया है। आरोहण की पूर्व संध्या पर पूरब की संगत को विदाई दी गयी इस दौरान संगत को पगड़ी, ताबीज और प्रसाद वितरित किया गया। आज प्रात: सात बजे से श्री झंडा जी के आरोहण की प्रक्रिया शुरू हो गयी थी। इस दौरान गुरू महाराज के जयकारों से पूरा झंडा मेला क्षेत्र गुंजायेमान रहा। सुबह झंडेजी को उतारा गया जिसके बाद दर्शनी गिलाफ चढ़ाया गया।
इस वर्ष ग्राम लधाना जिला चिक्का नवाशहर पंजाब के राजेन्द्र पाल सिंह व सतनाम सिंह के प रिवार को दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का सौभाग्य मिला उनके दादा ने 100 वर्ष पूर्व बुकिंग की थी। सिखों के सातवें गुरू श्री गुरू हरराय के बड़े पुत्र श्री गुरू राम राज जी महाराज ने वर्ष 1676 में दून में डेरा डाला था। उन्हें देहरादून का संस्थापक माना जाता है। उनका जन्म वर्ष 1646 में पंजाब के होशियरपुर कीरतपुर में होली के पांचवे दिन हुआ था। इसीलिए दरबार साहिब में हर साल इस दिन झंडेजी का आरोहण होता है।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *