देहरादून। उत्तराखंड में सड़कों के विकास की रफ्तार तेज हो गई है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत हाल ही में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में 814 किमी ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया गया। इतना ही नहीं, भारत सरकार ने पीएमजीएसवाई के तीसरे चरण के तहत 9 पुलों के निर्माण के लिए 40.77 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी जारी कर दी है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य को 900 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन सरकार ने इससे भी आगे बढ़ते हुए 933 करोड़ रुपये खर्च किए। पिछले साल की तुलना में इस बार 206 किमी ज्यादा सड़कें बनाई गई हैं। इस बीत गत वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन पीएमजीएसवाई —3 के अन्तर्गत 09 सेतुओं के निर्माण के लिए 40.77 करोड़ की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त हो गई है।
अब सरकार चौथे चरण की तैयारी में जुट गई है। पीएमजीएसवाई-4 के तहत 1490 सड़कविहीन बसावटों को चिन्हित किया गया है। पहले चरण में 8500 किमी सड़कों के निर्माण का सर्वे पूरा कर लिया गया है और डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) पर काम शुरू हो चुका है।
सड़कों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए एक खास निरीक्षण एप भी तैयार किया गया है। इस एप के जरिए फील्ड अधिकारी सड़कों की स्थिति की रिपोर्ट अपडेट कर रहे हैं, जिससे उच्च अधिकारी निगरानी कर सकते हैं। केंद्र सरकार ने इस पहल की सराहना करते हुए अन्य राज्यों को भी इसे अपनाने की सलाह दी है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की शुरुआत 2000 में हुई थी, जिसके पहले तीन चरणों में न्यूनतम 500 की आबादी वाले गांवों को सड़कों से जोड़ने का लक्ष्य पूरा कर लिया गया। अब चौथे चरण में राज्य की हर बसावट को बारहमासी सड़कों से जोड़ने की योजना बनाई जा रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार के दम पर राज्य के दूर-दराज के इलाकों तक सड़कें पहुंचाई जा रही हैं। हाल ही में संपन्न वित्तीय वर्ष में सरकार ने शानदार उपलब्धि हासिल की है, और अब चौथे चरण में बाकी गांवों को सड़कों से जोड़ने का काम किया जाएगा।
