देहरादून। नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा चार्जशीट दाखिल किए जाने और उनकी संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई के विरोध में आज देहरादून समेत पूरे उत्तराखंड में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। राजधानी में हुए इस प्रदर्शन ने खासा तूल पकड़ा, जहां कांग्रेस नेताओं और पुलिस के बीच जमकर कहासुनी और धक्का-मुक्की भी हुई।
प्रदर्शन की शुरुआत देहरादून के परेड ग्राउंड से हुई, जहां बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता जुटे। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, चकराता विधायक प्रीतम सिंह और प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने जुलूस निकाला और केंद्र सरकार व ईडी की कार्रवाई को राजनीतिक द्वेष की भावना से प्रेरित बताया। जैसे ही जुलूस ईडी दफ्तर की ओर बढ़ा, पुलिस ने बैरिकेडिंग कर उन्हें रोकने की कोशिश की। इसी दौरान प्रीतम सिंह और सूर्यकांत धस्माना के साथ पुलिस की तीखी नोकझोंक और धक्का-मुक्की हो गई।
पुलिस की रोक-टोक से नाराज होकर कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और सरकार व ईडी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। स्थिति बिगड़ते देख पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की घेराबंदी कर गिरफ्तारी शुरू कर दी। सैकड़ों कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन ले जाया गया, जहां से बाद में उन्हें मुचलकों पर रिहा कर दिया गया।
प्रदर्शन में कई प्रमुख चेहरे भी नजर आए, जिनमें पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, नवप्रभात, एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी, पूर्व विधायक राजकुमार, जयेंद्र रमोला, दिनेश कौशल, उर्मिला थापा, शिल्पी अरोड़ा, लालचंद शर्मा, गौरव सिंह, प्रमोद गुप्ता, विनीत प्रसाद और संजय भारती सहित बड़ी संख्या में नेता और कार्यकर्ता शामिल थे।
कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि इस तरह की कार्रवाई लोकतंत्र के लिए खतरनाक है और पार्टी इसके खिलाफ सड़कों पर संघर्ष जारी रखेगी।
