देहरादून। उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने मंगलवार को सचिवालय में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन और प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने दोनों योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली और अधिकारियों को लक्षित परिणाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट, जिला एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला और क्रिटिकल केयर ब्लॉक जैसी सुविधाओं का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा किया जाए और इन्हें जल्द से जल्द क्रियाशील किया जाए। उन्होंने इन कार्यों के लिए एक समयबद्ध कार्ययोजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि परियोजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य एवं जनपद स्तर पर नियमित मॉनीटरिंग की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रत्येक सप्ताह कार्य की निगरानी करें और जिन यूनिट्स का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, उनके उपयोगिता प्रमाण पत्र शीघ्र भारत सरकार को भेजे जाएं।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव वर्द्धन ने ज्यादा से ज्यादा पात्र कारीगरों के पंजीकरण पर बल दिया। उन्होंने जिला कार्यान्वयन समितियों और नगरीय स्थानीय निकायों में लंबित आवेदनों के शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि योजना के अंतर्गत पंजीकृत कारीगरों को निरंतर लाभ पहुंचाने के लिए नियमित मॉनीटरिंग की जाए। हथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पादों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से बाजार उपलब्ध कराने पर विशेष जोर देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य के उत्पादों को अन्य राज्यों के यूनिटी मॉल्स में भी प्रदर्शित करने की व्यवस्था की जाए, ताकि स्थानीय शिल्प और कारीगरों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सके।
इस समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव आर. राजेश कुमार, विनय शंकर पाण्डेय, अपर सचिव विजय कुमार जोगदण्डे और स्वाति भदौरिया समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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