देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड को पावर सरप्लस राज्य बनाने के लिए सभी को समन्वय के साथ मिलकर काम करना होगा। गुरुवार को देहरादून स्थित मुख्यमंत्री आवास के मुख्य सेवक सदन में ऊर्जा निगमों के कार्मिकों द्वारा आयोजित ‘स्वागत एवं अभिनंदन’ कार्यक्रम में उन्होंने यह बात कही। उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने ऊर्जा निगमों की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्मान की असली हकदार उत्तराखंड की जनता है, जिसने उन्हें सेवा का अवसर दिया। उन्होंने बताया कि ऊर्जा प्रदेश के रूप में उत्तराखंड की मूल अवधारणा रही है। भारत सरकार की हर योजना में राज्य को सहयोग मिल रहा है। विद्युत मंत्रालय की डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी रैंकिंग में उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने विशेष श्रेणी के डिस्कॉम में देश में प्रथम स्थान हासिल किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार उत्तराखंड को ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। लखवाड़ बांध, जमरानी बांध बहुउद्देश्यीय परियोजना और देहरादून में अगले 50 वर्षों की पेयजल समस्या के समाधान के लिए सौंग बांध परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। इसके अलावा, अत्याधुनिक गैस इंसुलेटेड सबस्टेशन (जीआईएस) उपकेंद्रों की स्थापना और 16 लाख स्मार्ट मीटर लगाकर पारदर्शिता लाने का कार्य किया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि देहरादून में बिजली लाइनों को भूमिगत किया जा रहा है। यूपीसीएल ने ऑटोमेटेड डिमांड रिस्पॉन्स सिस्टम के जरिए ओवरड्रॉ की स्थिति पर रियल-टाइम नियंत्रण कर हर साल करोड़ों रुपये की बचत की है। उन्होंने कहा कि 2023 में देहरादून में आयोजित विश्व स्तरीय आपदा प्रबंधन सम्मेलन में आपदाओं के प्रभाव को कम करने पर जोर दिया गया था। राज्य सरकार ने इकोलॉजी और इकोनॉमी में संतुलन बनाते हुए ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने का मॉडल अपनाया है। प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत करीब 20,000 रूफटॉप सोलर संयंत्र स्थापित किए गए हैं।
उन्होंने अन्य राज्यों की सर्वोत्तम प्रथाओं को उत्तराखंड में लागू करने और अगले 10, 25 और 50 वर्षों के लिए विकास मॉडल तैयार करने की बात भी कही। इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, एमडी यूजेवीएनएल संदीप सिंघल और उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारी उपस्थित थे।
