देहरादून। उत्तराखंड सचिवालय में कार्यरत सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए 1 मई 2025 से बायोमैट्रिक उपस्थिति प्रणाली को अनिवार्य रूप से लागू किया जा रहा है। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने इस संबंध में औपचारिक आदेश जारी करते हुए सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव के अनुसार, सचिवालय में कार्यरत आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, पीसीएस, न्यायिक सेवा, सचिवालय सेवा, वित्त सेवा एवं आउटसोर्सिंग के माध्यम से नियुक्त कार्मिकों को अब प्रत्येक कार्य दिवस पर समयबद्ध तरीके से बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज करानी अनिवार्य होगी।
बता दें कि उत्तराखंड सचिवालय में बायोमैट्रिक प्रणाली को पहले भी 12 मई 2017 से लागू किया गया था। हालांकि, बीते वर्षों में इसके अनुपालन में शिथिलता देखी गई, जिसके चलते अब पुन: इस प्रणाली को प्रभावी रूप से लागू करने का निर्णय लिया गया है।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सभी अधिकारी एवं कर्मचारी 5 मई 2017 के कार्यालय ज्ञापन में दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करें। यह कदम कार्यक्षमता, अनुशासन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
प्रशासन की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसी भी स्तर पर लापरवाही या अनुपालन में कोताही को गंभीरता से लिया जाएगा और आवश्यकतानुसार कार्रवाई भी की जा सकती है।
