Three new criminal laws implemented in Uttarakhand

देहरादून, 01 जुलाई। उत्तराखंड सहित पूरे देश में सोमवार से तीन नए आपराधिक कानून लागू कर दिए गए हैं। भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, और भारतीय साक्ष्य संहिता के नाम से जाने जाने वाले इन कानूनों के लागू होने के साथ ही आईपीसी अब बीते वक्त की बात हो गई है। जिसे भारतीय दंड संहिता और दंड प्रक्रिया संहिता तथा साक्ष्य अधिनियम के नाम से जाना जाता था।
पुलिस हैडक्वाटर में आयोजित एक कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी तथा डीजीपी (कार्यवाहक) अभिनव कुमार व अन्य तमाम अधिकारियों की मौजूदगी में बटन दबाकर इन नए कानूनों को लागू किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि नए कानूनों के लागू होने से नागरिक सुरक्षा को मजबूती मिलेगी तथा पीड़ितों को न्याय मिलना आसान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आम आदमी को अब अपनी एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस थानों व चौकियों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे और वह ई एफआईआर भी कर सकेंगें। वहीं पुलिस द्वारा छापेमारी, कुर्की जैसी कार्रवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग भी करनी पड़ेगी जिससे आम आदमी का उत्पीड़न नहीं होगा। वही पुलिस को भी अब समन लेकर अपराधियों के ठिकानों पर नहीं दौड़ना पड़ेगा। ईमेल और एसएमएस के जरिए भी उन्हें नोटिस भेजा जा सकेगा।
उल्लेखनीय है कि इन नए कानूनों के जरिए पुलिस तथा न्यायपालिका की कार्यप्रणाली में भी बड़ा बदलाव आएगा इन नए कानूनों के अंतर्गत एफआईआर से लेकर मुकदमो का फैसला आने तक समय सीमा तय की गई है। वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को तथा महिला अपराधों को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। सरकार द्वारा जो नए कानून ले गए हैं उसमें भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं हैं। तथा दंड संहिता में 581 धाराएं थी। आज से देश में यह नए अपराधिक कानून लागू कर दिए गए हैं।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *