देहरादून, 05 अगस्त । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्य सेवक सदन, मुख्यमंत्री आवास देहरादून में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (ए०आई०) पर आधारित सेमिनार में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य में ए.आई मिशन को सफल बनाने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की घोषणा की । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ए.आई. के सहयोग से राज्य को आगे बढ़ाने के लिए सभी ने मिलकर मंथन करना है। ए.आई. पर आयोजित इस मंथन कार्यक्रम से निश्चित अमृत निकलेगा जो राज्य में ए.आई. के आधार पर राज्य को आगे बढ़ाएगा।
उन्होंने कहा कि ए.आई. के सहयोग से इकोलॉजी, इकोनामी, टेक्नोलॉजी, अकाउंटेबिलिटी और सतत विकास में महत्वपूर्ण विकास होने वाला है। सभी विशेषज्ञ एवं विभिन्न दायित्व का निर्वहन कर रहे लोगों को भी ए.आई. की विशेषता हासिल करने पर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा उत्तराखंड में साइंस टेक्नोलॉजी और इनोवेशन नीति के साथ ए.आई टेक्नोलॉजी को विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ए.आई के माध्यम से वैज्ञानिक अनुसंधान एवं दैनिक जीवन में क्रांतिकारी बदलाव ए.आई. के माध्यम से आए हैं। उद्योग, चिकित्सा, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, विज्ञान, में नवाचार का प्रमुख कारण ए.आई बन रहा है। ए.आई राज्य के विकास और समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार हर क्षेत्र में तेजी से कार्य कर रही है, इसका प्रमाण है कि सतत विकास लक्ष्यों के सूचकांक में राज्य ने पहला स्थान प्राप्त किया है। हमारा राज्य प्राकृतिक संसाधन, सांस्कृतिक धरोहर, उत्कृष्ट मानव संसाधन से संपन्न है। एक बड़ा भू भाग जंगलों से आच्छादित है। ए.आई का सही उपयोग करने पर इन संसाधनों का प्रयोग सर्वोत्तम तरीके से किया जा सकता है। कृषि, पर्यटन, स्वास्थ, शिक्षा एवं अन्य क्षेत्रों में ए.आई के उपयोग को बढ़ा कर सफलता की संभावनाओं को बढ़ाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आपदा, क्लाइमेट चेंज को और अधिक समझने में ए.आई. की मदद से प्रभावी ढंग से कार्य किया जा सकता है। सम्पूर्ण विश्व विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की नेतृत्व क्षमता को देख रहा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इंडिया ए आई मिशन की शुरूवात की गई है। जिसका उद्देश्य ए.आई संबंधित टेक्नोलॉजी का विकास करना है। केंद्र सरकार से बेहतर समन्वय बनाकर प्रदेश में ए.आई के अनुकूल वातावरण बनाया जा रहा है। प्रदेश के विभिन्न संस्थानों, इंस्टिट्यूट के सहयोग से ए.आई. के लिए प्रभावी तंत्र बनाने पर कार्य करेंगे।
कार्यक्रम में महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत ने कहा कि वर्तमान समय ए.आई का समय है। उत्तराखंड, देवभूमि के साथ ही स्पिरिचुअल, साइंटिफिक सॉल्यूशन की भूमि है। यहां अनेक केंद्रीय संस्थान हैं । उत्तराखंड राज्य नॉलेज स्टेट के रूप में आगे बढ़ रहा है। नॉलेज स्टेट की अवधारणा से ही राज्य सशक्त और समृद्ध हो सकता है।
इस अवसर पर दिनेश त्यागी ने कहा कि उत्तराखंड में आज का परिवेश अलग है। राज्य में बड़ा सकारात्मक बदलाव आया है। राज्य में ए.आई. को बढावा देने के लिए मूलभूत बुनियादी ढांचे की स्थापना की आवश्कता है।
प्रो.ओ पीएस नेगी ने कहा कि ए.आई समय की जरुरत है। ए.आई. के माध्यम से इनोवेशन, टेक्नोलॉजी और क्वालिटी पर कार्य करना है। हमने ए.आई. को अपनी शिक्षा व्यवस्था में इस्थापित करना होगा, हमारा प्रयास एआई के माध्यम से डिस्टेंस एजुकेशन और प्रभावी बनाना है। इस अवसर पर उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, सचिव नितेश झा एवं विभिन्न विश्वविद्यालय के कुलपति उपस्थित थे।

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