जोशीमठ, 28 सितम्बर। भूधसाव की जद में आए जोशीमठ की उपेक्षा और आपदा प्रबंधन के उचित प्रयास न किए जाने से आक्रोशित पीड़ित लोग जब आंदोलन पर उतर आए तथा आर-पार की लड़ाई का ऐलान करते दिखे तो शासन—प्रशासन की नींद भी टूट गई। प्रभावित क्षेत्रों में जो सीवर और पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त हो चुकी थी आज से उनकी मरम्मत और ठीक करने का काम शुरू कर दिया गया है।
पेयजल और सीवर लाइनों की स्थिति का जायजा लेने के लिए शनिवार को विभागीय टीम मौके पर पहुंची और क्षेत्र का निरीक्षण किया। एसडीएम चमोली विवेक प्रकाश जिनके द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद संघर्ष समिति द्वारा अपना आंदोलन एक माह के लिए स्थगित करने की घोषणा की। प्रशासन ने जल्द से जल्द प्रभावित क्षेत्रों की सीवर—बिजली और पेयजल व्यवस्था को सुधार लिया जाएगा। आज से इस पर काम शुरू हो गया है।
जोशीमठ में भू—धसाव कि इस त्रासद घटना के कारण जोशीमठ का अस्तित्व संकट में आ गया था। आधा दर्जन से अधिक प्रभावित क्षेत्रों को प्रशासन द्वारा खाली करा लिया गया था वही एक बड़े हिस्से के लोग कुछ महीने आपदा प्रभावित शिविरों में रहने के बाद वापस अपने घरों में लौट गए थे। शासन—प्रशासन द्वारा आपदा काल के समय तो चुस्ती फूर्ति दिखाई गई थी लेकिन समय बीतने के साथ इन आपदा प्रभावितों की समस्याओं को भी नजरअंदाज कर दिया गया जिससे नाराज लोगों ने अनिश्चितकालीन बाजार बंद और चक्का जाम की चेतावनी के साथ सड़कों पर उतरने का फैसला लिया गया था।
प्रभावितों के उग्र आंदोलन की जानकारी मिलने पर प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्हें भरोसा दिलाया कि धामी सरकार उनकी समस्याओं पर संवेदनशील है तथा आपकी सभी समस्याओं का समाधान शीघ्र कर दिया जाएगा।
