देहरादून, 04 नवंबर। पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड में सड़क हादसे कम होने का नाम नहीं ले रहे है। सल्ट के मारचूला कूपी गांव के पास जीएमओयू की एक बाद अनियंत्रित होकर खाई में गिरने से 36 लोगों की मौत हो गई। हादसे के वक्त बस में 50 से ज्यादा यात्री सवार थे।
उत्तराखंड में हुए भीषण सड़क हादसे में एक बात स्पष्ट तौर पर सामने आ चुकी है कि बस में क्षमता से अधिक सवारियां भरी गई थी। इस बस की क्षमता 42 यात्रियों की थी जबकि मृतक व घायलों की संख्या के साथ 5 लापता यात्रियों को भी गिना जाए तो इस बस में 55 के आसपास यात्री सवार थे। लेकिन इस ओवरलोडिंग के साथ—साथ प्रत्यक्षदर्शियों व घायलों से जो जानकारी मिली है उसके अनुसार बस का ड्राइवर तेज गति से बस को चल रहा था। बताया जा रहा है कि जिस जगह यह हादसा हुआ वहां तेज ढलान थी मोड पर तेजी के कारण ड्राइवर बस को नियंत्रण में नहीं रख सका जिसके कारण पहले वह एक बड़े पत्थर से टकराई। इसके बाद बस खाई में पलट गई।
हादसे की जानकारी जब डीजीपी अभिनय कुमार द्वारा पत्रकारों को दी जा रही थी उस दौरान भी जब ओवरलोडिंग रोकने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि किसी भी हादसे का कोई एक कारण नहीं होता है हर दुर्घटना के अलग—अलग कारण होते हैं। कभी- कभी वाहन की तकनीकी खामियों के कारण हादसे होते हैं। उन्होंने कहा कि इस हादसे के बाद डीआईजी लॉ एंड ऑर्डर को निर्देशित किया गया है कि वह सभी बड़े सड़क हादसों की केस हिस्ट्री देखकर इस पर एक रिपोर्ट तैयार करें जिससे ऐसी दुर्घटनाओं कारणों का सही पता चल सके और उन्हें कम करने के उपाय सोचे जा सकें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सूबे की पुलिस इस तरह के हर एक हादसे में हर संभव मदद करने को तत्पर रहती है उन्होंने पीड़ितों के प्रति संवेदनाएं भी व्यक्त की।
