देहरादून/बरेली। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को बरेली के इन्वर्टिस विश्वविद्यालय में आयोजित एक खास कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने की ऐतिहासिक पहल के लिए विश्वविद्यालय ने उन्हें सम्मानित किया। धामी ने कहा कि यह कानून उत्तराखंड की जनता की एकजुटता का नतीजा है और इसका मकसद सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करना है।
उन्होंने बताया कि यूसीसी से महिलाओं को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। अब संपत्ति या उत्तराधिकार में कोई भेदभाव नहीं होगा। यह कानून लाखों महिलाओं के लिए ढाल बनकर उनकी बरसों की समानता की चाहत पूरी करेगा। मुख्यमंत्री ने साफ किया कि यूसीसी किसी धर्म के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह समाज की कुरीतियों को खत्म कर हर वर्ग में एकता लाने का प्रयास है। लिव-इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन पर फैलाए जा रहे भ्रम को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य बेटियों की सुरक्षा और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। उनके नेतृत्व में जनहित में अनेक निर्णय लिये गये हैं। कश्मीर से धारा 370 का अंत, तीन तलाक जैसी कुप्रथा को समाप्त करना , नागरिकता संशोधन कानून लागू करना और फिर अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण जैसे ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। प्रधानमंत्री से प्रेरणा लेते हुए उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने का ऐतिहासिक कदम उठाया गया।
इस अवसर पर सांसद क्षत्रपाल गंगवार, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. अरूण कुमार, दर्जा मंत्री उत्तराखण्ड विनय रूहेला, महापौर बरेली डॉ. उमेश गौतम, विधायक डॉ. राघवेन्द्र शर्मा, डॉ. श्याम बिहारी लाल, डी. सी. वर्मा, डॉ. एम. पी. आर्या, अशोक कट्टारिया, डीन डॉ. राजेश शर्मा, कार्यकारी निदेशक पार्थ गौतम सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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