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देहरादून,17 जनवरी। उत्तराखंड सरकार ने राज्य में अवैध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। सरकार ने राज्य के विभिन्न जिलों में मदरसों की जांच करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी मदरसे कानूनी और नियामकीय मानकों के अनुरूप चल रहे हैं। बिना पंजीकरण के संचालित हो रहे मदरसों की जांच के आदेश दिए जाने के बाद इस बात का खुलासा हुआ है कि राज्य में बड़ी संख्या में अवैध रूप से मदरसों का संचालन किया जा रहा है। राज्य में पंजीकृत मदरसों से भी कहीं अधिक संख्या में संचालित किये जा रहे है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है की अतिक्रमण चाहे किसी भी तरह का क्यों न हो उसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। समाज कल्याण विभाग और सभी जिलों के जिला अधिकारियों व पुलिस कप्तानों को राज्य में चल रहे मदरसों की जांच के आदेश दिए गए थे। अभी हालांकि राज्य का पूरा डाटा सामने नहीं आया है लेकिन जिन तीन जिलों की रिपोर्ट आई है उससे मिली जानकारी के अनुसार उधम सिंह नगर, दून और हरिद्वार में 200 से भी अधिक अवैध मदरसों के संचालित किए जाने का पता चला है। जिसमें उधम सिंह नगर में सबसे अधिक 100 के आसपास तथा देहरादून में 57 व हरिद्वार में 39 अवैध मदरसे हैं।
इन अवैध मदरसों की जांच उनके पंजीकरण और उस जमीन जिस पर इन मदरसों का संचालन हो रहा है तथा उनको मिलने वाली वित्तीय सहायता के आधार पर किया गया है अधिकांश मदरसोंंं के संचालकों द्वारा इन मदरसों के दान से संचालित होने की बात कही गई है। सरकार द्वारा अब उन सभी मदरसों जो सरकारी या वन भूमि पर बने हैं, के खिलाफ कार्यवाही की तैयारी की जा रही है। मुख्यमंत्री धामी का कहना है कि इन मदरसों की आय के स्रोतों के बारे में भी जानकारियां जुटाई जा रही है कि इनके संचालन के लिए धन कहां—कहां से आता है मुख्यमंत्री का कहना है कि यह देवभूमि है यहां किसी तरह के अतिक्रमण को कतई भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा तथा राज्य की डेमोग्राफी को प्रभावित करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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