ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश का पांचवां दीक्षांत समारोह सोमवार को भव्य रूप से आयोजित हुआ। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और 434 स्नातक डॉक्टरों को डिग्रियां प्रदान कीं।
समारोह को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डॉक्टर केवल आजीविका अर्जन के साधन भर नहीं हैं, बल्कि उनके कार्य में मानवीय संवेदना और सेवा का भाव निहित है। उन्होंने नवदीक्षित डॉक्टरों से आग्रह किया कि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन निष्ठा, ईमानदारी और संवेदनशीलता के साथ करें। उन्होंने कहा कि चिकित्सा एक ऐसा पेशा है जिसमें रोगी के प्रति करुणा और समर्पण की भावना सर्वोपरि होनी चाहिए।
कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में केंद्र सरकार द्वारा राज्य को लगातार मिल रहे सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीते एक दशक में देशभर में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हुआ है, जिसका लाभ अब उत्तराखंड के दूरदराज़ के क्षेत्रों तक पहुंच रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए लोगों को दिल्ली, मुंबई और चंडीगढ़ की ओर रुख करना पड़ता था, लेकिन अब राज्य के मेडिकल कॉलेजों और एम्स में ही उन्नत इलाज की सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से राज्य को मिली हेली एंबुलेंस सेवा और आयुष्मान भारत योजना का भी विशेष रूप से उल्लेख किया, जिसके तहत प्रदेश के लाखों लोगों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल रहा है।
दीक्षांत समारोह से पहले जेपी नड्डा के जॉली ग्रांट हवाई अड्डे पहुंचने पर मुख्यमंत्री धामी ने उनका भव्य स्वागत किया। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री, विधायक और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। समारोह का माहौल गौरवपूर्ण और प्रेरणादायी रहा, जिसमें छात्र-छात्राओं के चेहरे डिग्री प्राप्त करने की खुशी से खिले नजर आए।
