देहरादून। संसद में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पारित होने के बाद उत्तराखंड में वक्फ की संपत्तियों को लेकर बड़ी कार्रवाई की तैयारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि राज्य में सभी वक्फ संपत्तियों की जांच की जाएगी और जिस भूमि पर अवैध कब्जा है, उन्हें मुक्त कराकर जनहित कार्यों में इस्तेमाल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नया वक्फ संशोधन कानून पारदर्शिता लाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। उनका कहना है कि राज्य गठन के बाद वक्फ की संपत्तियों में दो गुना से भी अधिक की वृद्धि बेहद चौंकाने वाली है। जहां पहले वक्फ के अंतर्गत 2,078 संपत्तियां थीं, अब यह संख्या बढ़कर 5,183 हो गई है। मुख्यमंत्री ने इस वृद्धि पर सवाल उठाते हुए कहा कि कई मामलों में यह देखा गया है कि भूमाफिया ने सरकारी या निजी जमीनों पर अवैध कब्जा कर उन्हें वक्फ में दर्ज करा दिया, जिससे न तो वह जमीन अब सरकार की रही और न ही माफिया की—बल्कि एक भ्रम की स्थिति बन गई है।
मुख्यमंत्री धामी ने चेतावनी दी है कि चाहे किसी ने सरकार की, निजी या देवस्थान की जमीन पर अवैध कब्जा किया हो, उसे खाली कराकर सरकार में निहित किया जाएगा। वक्फ की जमीनों पर भी अगर कोई व्यक्ति गैरकानूनी रूप से काबिज पाया जाता है, तो उससे भी जमीन वापस ली जाएगी।
इस सख्त रुख के बाद वक्फ बोर्ड और भू-माफिया के बीच हड़कंप मच गया है। राज्य के कई जिलों, विशेषकर नैनीताल और हरिद्वार के रुड़की क्षेत्र में ऐसे मामलों की पहचान हुई है, जहां वक्फ में दर्ज संपत्तियों को लेकर विवाद और अनियमितताएं सामने आ चुकी हैं। हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि कितनी जमीनें वास्तव में कब्जा मुक्त कराई जाएंगी, लेकिन सरकार की मंशा और कार्रवाई के तेवर को देखते हुए जल्द ही राज्य में एक बड़ा भू-सर्वे अभियान शुरू होने की संभावना है। मुख्यमंत्री की यह घोषणा न केवल राज्य के प्रशासनिक ढांचे में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक अहम कदम है, बल्कि भूमाफिया और अवैध कब्जों पर सरकार की सख्ती का भी संकेत है।

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