देहरादून। लंबे समय से उत्तराखंड में उठ रही सख्त भू कानून की मांग पर एक कदम आगे बढ़ते हुए सरकार ने बुधवार को नए भू—संशोधन कानून को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने जिस भू—कानून संशोधन को मंजूरी दी गई है उस संशोधन विधेयक को सरकार इसी बजट सत्र में लाने जा रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में विधानसभा में कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें नए भू—कानून संशोधन को मंजूरी प्रदान कर दी गई है। अपेक्षा के अनुरूप तय किए गए नये भू कानून संशोधन के जरिए अब हिमाचल की तर्ज पर बाहरी लोगों के द्वारा जमीन की खरीद पर सख्ती से प्रतिबंध लग सकेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस नए भू—कानून को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद कहा गया है कि उनकी सरकार राज्य और राज्य के लोगों के हितों को ध्यान में रखकर लगातार काम कर रही है। नए भू कानून से राज्य के नागरिकों के हितों का संरक्षण तो होगा ही साथ—साथ राज्य को डेमोग्राफी चेंज के खतरो से भी बचाया जा सकेगा।
उधर संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि नये भू-कानून से राज्य में जमीनों की लूट—खसोट रोकी जा सकेगी। मुख्यमंत्री धामी ने जो कहा था वह कर दिया है। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि इस भू कानून संशोधन विधेयक को इसी सत्र में लाया जाएगा। नये भू कानून में हरिद्वार और उधम सिंह नगर को छोड़कर राज्य के अन्य सभी 11 पर्वतीय जिलों में कृषि व बागवानी की जमीनों की खरीद पर पूर्ण पाबंदी का प्रावधान किया गया है। कोई भी बाहरी व्यक्ति इन जिलों में अब जमीन नहीं खरीद सकेगा। वही जो ढाई सौ वर्ग मीटर जमीन नगर क्षेत्र में खरीदने का प्रावधान था उसे भी वन टाइम कर दिया गया है सिर्फ एक ही बार एक व्यक्ति ढाई सौ वर्ग मीटर जमीन रहने के लिए खरीद सकेगा। कृषि और अन्य उद्देश्य के लिए खरीदी जाने वाली जमीनों के लिए अब सरकारी की मंजूरी लेना अनिवार्य होगा।
