देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में समान नागरिक संहिता नियमावली पर अपनी सहमति की मोहर लगा दी गई है। अब सिर्फ इसके नोटिफिकेशन की तारीख की घोषणा ही बाकी बची है। जिसके लिए कैबिनेट द्वारा सीएम धामी को अधिकृत किया गया है। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में उत्तराखंड सरकार ने अंतिम संवैधानिक प्रक्रिया को भी पूरा कर लिया है।
मुख्यमंत्री धामी जो इसी माह राज्य में यूसीसी लागू करने की बात कई बार कह चुके हैं तथा जनवरी माह में अब बहुत समय नहीं बचा है जबकि 25 जनवरी तक राज्य में निकाय चुनाव के चलते आचार संहिता लागू है इसके बाद ही यूसीसी पर कोई निर्णय वैधानिक रूप से किया जा सकता है। उम्मीद जताई जा रही है कि 26 जनवरी को राज्य सरकार राज्य में यूसीसी को लागू कर सकती है। आज कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उन्होंने 2022 के चुनाव के दौरान जो वायदा किया था वह अब पूरा होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लिए यह गौरव की बात है कि हमारा राज्य यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा।
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होते ही तमाम धर्म और सांप्रदायिक विशेष द्वारा अलग—अलग बनाए गए कानून जिसे शरिया कानून के नाम से भी जाना जाता है निष्प्रभावी हो जाएंगे। शादी—विवाह तथा तलाक और संपत्तियों में अधिकार व गोद लेने के अधिकार जैसे सभी कानून सभी के लिए एक समान होंगे। भले ही विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा उत्तराखंड की राज्य सरकार द्वारा लाये जा रहे यूसीसी कानून को केंद्रीय सरकार के अधिकार क्षेत्र का मामला बताया जाकर इसकी आलोचना की जा रही हो कि भाजपा के कार्यकाल में देश में उल्टी गंगा बहायी जा रही है लेकिन राज्य में यूसीसी कानून लागू होने का रास्ता साफ हो चुका है क्योंकि इसे राजभवन व राष्ट्रपति भवन से पहले ही स्वीकृति मिल चुकी है।
