देहरादून/हरिद्वार, 8 जनवरी। उत्तराखंड में अवैध मदरसो के संचालन का खुलासा होने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। उनका कहना है कि इन मदरसों को फंडिंग कहां से हो रही है इसकी भी जांच कराई जाएगी। साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य में किसी भी तरह का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा?
अवैध मजारों के बाद अब मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर प्रदेश भर में मदरसों की जांच का अभियान चलाया जा रहा है। इस जांच में कई चौंकाने वाले तथ्यों का खुलासा हुआ है। हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मदरसों का संचालन हो रहा है। राजपुर—खटीमा रुद्रपुर क्षेत्र में 139 मदरसे चल रहे हैं जिनमें 7 देवबंदी व 122 बरेलवी है। हरिद्वार क्षेत्र में 21 मदरसे चल रहे हैं। इन सभी मदरसों में 6000 के आसपास बच्चे पढ़ रहे हैं। इन मदरसों को कहां से फंडिंग हो रही है इसके जवाब में सभी मदरसों का कहना है कि यह मदरसे चंदे और दान से चलाये जा रहे हैं।
सरकार ने अब गृह विभाग तथा जिला अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह इस बात की जांच करें कि इन मदरसों को फंडिंग करने वाले कौन लोग हैं तथा चंदा और दानदाता कौन है। मुख्यमंत्री धामी ने इन मदरसों की आय के स्रोतों का पता लगाने के निर्देश दिए हैं। राज्य में कुल 416 मदरसे रजिस्टर्ड है लेकिन इससे कई गुना अधिक मदरसे चल रहे हैं। इन मदरसों का संचालन नैनीताल, उधमसिंह नगर, हरिद्वार व देहरादून क्षेत्र में सर्वाधिक है। अवैध रूप से संचालित इन मदरसों के खिलाफ अब एक्शन की तैयारी है।
मुख्यमंत्री ने राज्य में अतिक्रमण करने वालों पर कार्यवाही करने के निर्देश देते हुए कहा कि अतिक्रमण चाहे किसी भी तरह का हो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उत्तराखंड की देव संस्कृति को संरक्षित रखने और जनसंख्या घनत्व संतुलन बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
