देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में वनाग्नि नियंत्रण और पेयजल की उपलब्धता को लेकर सभी जिलाधिकारियों और वन विभाग को पूरी तैयारी रखने के निर्देश दिए हैं। सोमवार को वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारियों के साथ हुई बैठक में उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में जल संकट और जंगलों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में जरूरी उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए और नियंत्रण के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों से संपर्क बनाए रखा जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि संभावित क्षेत्रों में टीमें तैनात की जाएं और मोबाइल गश्त भी बढ़ाई जाए ताकि आग लगने की स्थिति में तुरंत कार्रवाई हो सके।
उन्होंने कहा कि आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि यात्रा को स्वच्छ, सुंदर और पर्यावरण के अनुकूल बनाया जाए। उन्होंने सभी विभागीय सचिवों और जिलाधिकारियों से कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों, होटल व्यवसायियों और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर समन्वय बनाएं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। ट्रैफिक व्यवस्था, स्वच्छता, यात्री सुविधाएं और सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान देने के निर्देश भी उन्होंने दिए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने जन शिकायतों के शीघ्र निस्तारण को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने कहा कि तहसील दिवस, बीडीसी बैठकों और बहुद्देशीय शिविरों के माध्यम से लोगों को योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि लोगों को अनावश्यक रूप से दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें। ई-सेवाओं के माध्यम से जनता को अधिक लाभ देने, विद्युत बिलों से संबंधित शिकायतों का त्वरित समाधान करने और स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि लापरवाही बरतने वाले कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत, गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय समेत सभी जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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