काशीपुर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनके जीवन के हर महत्वपूर्ण निर्णय के पीछे उनके स्वर्गीय पिता की दी गई सीख और मूल्य आज भी मार्गदर्शक की तरह काम करते हैं। सैनिक सम्मान समारोह के अवसर पर, जो उनके पिता शेर सिंह धामी की पांचवीं पुण्यतिथि पर आयोजित किया गया था, उन्होंने भावुक होते हुए अपने पिता को याद किया और उनके सिद्धांतों को साझा किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, मेरे पिता मेरे पथ प्रदर्शक रहे हैं। उन्होंने मुझे सिखाया कि अनुशासन, कठोर मेहनत और कर्तव्यनिष्ठा सिर्फ सेना के लिए नहीं, बल्कि हर क्षेत्र में सफलता की कुंजी हैं। उन्होंने बताया कि एक सैनिक की तरह जीवन जीना उनके पिता के लिए केवल पेशा नहीं, बल्कि जीवन दर्शन था।
उन्होंने यह भी कहा कि उनके पिता हमेशा ‘राष्ट्र पहले’ की भावना के साथ जीते थे, और यही भावना उन्हें भी निर्णय लेते समय प्रेरित करती है। उन्होंने कहा कि मैं कोई भी कठिन फैसला लेने से पहले जनभावनाओं को समझता हूं और राष्ट्र व समाज हित को सर्वोच्च प्राथमिकता देता हूं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि हर साल पुण्यतिथि पर वे अपनी माता से पूछते हैं कि इस दिन क्या करना चाहिए। इस बार उन्होंने माता की भावनाओं को समझते हुए सैनिक सम्मान समारोह आयोजित किया, जहां उनके पिता के साथ काम कर चुके कई पूर्व सैनिक और परिचित भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने वीर सैनिकों और वीरांगनाओं का सम्मान किया। उन्होंने कहा कि वे खुद एक सैन्य परिवार से हैं, इसलिए सैनिकों की भावनाओं और समस्याओं को अच्छी तरह समझते हैं। समारोह में मुख्यमंत्री की माता भी उनके साथ मौजूद रहीं, जिन्होंने इस भावुक क्षण को साझा किया।

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