देहरादून, 27 नवंबर। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने टवीट कर कैलास मानसरोवर की यात्रा परंपरागत मार्ग से कराने की पहल का आह्वान किया है। उन्होंने अपने टवीट में कहा है कि उन्हें एक अच्छी खबर पढ़ने को मिली है, जिसके तहत उन्होंने लिखा है कि कैलास मानसरोवर यात्रा अपने परंपरागत मार्ग अर्थात धारचूला, लिपुलेख होकर तकलाकोट मानसरोवर और कैलाश की परिक्रमा करेगी। विदेश मंत्री जी के हवाले से यह बात सामने आई है। मैं बहुत उत्साहित हूं। यदि ऐसा होता है तो मैं यह कहूंगा कि प्रधानमंत्री मोदी सरकार का जो पाप था, इस यात्रा को यहां से स्थगित कर तवांग से शुरू करवाने का वह पाप धुल जाएगा। उन्होंने कहा है कि आंशिक रूप से गुंजी में तप कर प्रधानमंत्री जी ने उस पाप को धो दिया था, मगर पूर्णत: यह पाप तभी धुलेगा, जब कैलाश मानसरोवर यात्रा अपने परंपरागत मार्ग से पुन: संचालित होने लगेगी। चीन युद्ध के समय में यह यात्रा खंडित हो गई थी। बड़ी कोशिशें से श्रीमती इंदिरा गांधी ने इस यात्रा को पुन: प्रारंभ करवाया था और मुझको भी इसके पहली टीम जो कैलाश मानसरोवर यात्रा में गई थी उसके साथ जुड़ने का सौभाग्य मिला था और मेरे उस सौभाग्य को आंशिक रूप से शेयर करने के लिए मेरे साथ डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी जैसे लोग भी थे।