देहरादून। देहरादून के गुलरघाटी अन्न भंडारण में भारी अनियमितताएं उजागर होने के बाद जिलाधिकारी सविन बंसल ने कड़ा एक्शन लिया। निरीक्षण के दौरान गंभीर लापरवाही सामने आने पर वरिष्ठ विपणन अधिकारी (एसएमओ) विष्णु प्रसाद त्रिवेदी को निलंबित कर दिया गया, जबकि सहायक विपणन अधिकारी (एआरओ) अजय रावत को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई। प्रशासन की टीम ने औचक निरीक्षण कर पांच घंटे तक रिकॉर्ड जांचे और अनाज के नमूने इकट्ठे किए, जिनमें भारी अनियमितताएं पाई गईं।
गोदाम में रखे अनाज का परीक्षण मिक्स इंडिकेटर मैथड से किया गया, जिसमें कई क्विंटल अनाज निर्धारित मानकों पर खरा नहीं उतरा। गेहूं और चावल के बोरे तय वजन से कम पाए गए, स्टॉक रजिस्टर अव्यवस्थित था और अनाज की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया था। इतना ही नहीं, गोदाम में रखरखाव के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था। नमी और कीटों से सुरक्षा के लिए आवश्यक इंतजाम नदारद थे। अनाज के भंडारण में इस्तेमाल होने वाले स्टैक कार्ड्स भी अधूरे या गायब मिले।
सबसे गंभीर बात यह रही कि गुणवत्ता परीक्षण में भारी गड़बड़ी पाई गई। 61 चावल के नमूनों में से 26 खराब निकले और उन्हें रद्द श्रेणी में रखा गया। जांच में यह भी सामने आया कि गोदाम प्रबंधन ने फर्स्ट इन फर्स्ट आउट नियम का पालन नहीं किया, जिससे पहले आए अनाज की निकासी पहले हो, यह सुनिश्चित नहीं किया गया। इस लापरवाही का सीधा असर उन जरूरतमंद लोगों पर पड़ सकता था, जिन्हें यह अनाज वितरित किया जाता है।
गुलरघाटी अन्न भंडार से गढ़वाल क्षेत्र के विभिन्न सरकारी गोदामों, आंगनवाड़ी केंद्रों, सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों और स्कूलों में मिड-डे मील के लिए अनाज भेजा जाता है। ऐसे में इस तरह की अनियमितताएं खाद्य सुरक्षा और जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती थीं। डीएम ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सख्त प्रवर्तन कार्रवाई का आदेश दिया है। मुख्य विकास अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ उत्तरांचल सरकारी सेवक नियमावली 2003 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
जिलाधिकारी ने साफ कर दिया है कि जनता की सेहत से किसी भी तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
