देहरादून/ विकासनगर, 27 अक्टूबर । जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने रविवार को मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि जो प्रदेश कर्ज के सहारे चल रहा हो तथा उसके ऊपर लगभग 90 हजार करोड़ की उधारी हो एवं प्रतिमाह लगभग 6600 करोड़ रुपए ब्याज के चुका रहा हो, ऐसे प्रदेश में एक विधायक को लगभग 3 लाख रुपए वेतन —भत्ते एवं 40,000 रूपए पेंशन प्लस स्लैब और 20,000 रुपए ईंधन भत्ता दिया जा रहा हो, इन हालातों में प्रदेश दिवालिया नहीं होगा तो और क्या होगा।
रघुनाथ नेगी ने कहा कि इन गरीब विधायकों को प्रतिमाह वेतन— भत्तों के नाम पर डेढ़ लाख रुपया निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, 30,000 रूपए वेतन, 60,000 रूपए जन सेवा भता, 27,000 रूपए ईंधन तथा 6,000 रूपए टेलीफोन/ मोबाइल खर्च इत्यादि हेतु दिया जा रहा है। इसके साथ—साथ विधायक निधि में भी बहुत बड़ा खेला ये लोग करते हैं।
उश्रन्होंने कहा कि देश के इतिहास में यह अनूठा उदाहरण ही होगा कि उत्तराखंड में विधायकों का वेतन 30,000 और पेंशन 40,000 है। सरकार को इन विधायकों को मिलने वाला निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 1,50,0000, जन सेवा भत्ता 60,000 एवं वेतन 30,000 बिल्कुल बंद होना । अगर देना ही है तो सिर्फ ईंधन, स्टेशनरी व पी.ए. भत्ता व चिकित्सा सुविधा आदि का ही लाभ दिया जाना चाहिए। ये जनता के सेवक हैं न कि सरकारी सेवक सेवा में है।
नेगी ने कहा मोर्चा प्रदेश की जनता से भी आग्रह करता है कि इन विधायकों को धिक्कारें, जिससे ये कर्मचारियों एवं आमजन की पीड़ा को समझ सकें। कर्मचारी— अधिकारी दशकों तक सरकारी सेवा करते हैं, लेकिन इनको पेंशन नहीं, दूसरी तरफ ये विधायक शपथ लेते ही ताउम्र पेंशन के हकदार हो जाते हैं। मोर्चा शीघ्र ही इस लूट को बंद कराने हेतु उच्च न्यायालय की शरण लेगा। पत्रकार वार्ता में अशोक चंडोक व भीम सिंह बिष्ट आदि उपस्थित थे।
