देहरादून। चारधाम यात्रा मार्गों पर हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को एक और बड़ा हादसा केदारनाथ धाम में टल गया, जब ऋषिकेश एम्स द्वारा संचालित हेली एंबुलेंस सेवा में प्रयुक्त हेलीकॉप्टर तकनीकी खराबी के चलते दुर्घटनाग्रस्त हो गया। राहत की बात यह रही कि हेलीकॉप्टर में सवार दोनों डॉक्टर और पायलट पूरी तरह सुरक्षित बच निकले।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, केदारनाथ धाम में एक महिला यात्री की तबीयत बिगड़ने की सूचना पर ऋषिकेश एम्स से दो डॉक्टरों को लेकर हेली एंबुलेंस रवाना की गई थी। हेलीकॉप्टर दोपहर करीब 12 बजे के आसपास केदारनाथ पहुंचने ही वाला था कि लैंडिंग से कुछ मिनट पहले तकनीकी खराबी आ गई। खराबी के कारण पायलट को हेलीपैड से चंद कदम पहले ही इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी।

आपात लैंडिंग के दौरान हेलीकॉप्टर का पिछला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, हालांकि किसी को कोई गंभीर चोट नहीं आई। विशेषज्ञों का मानना है कि पायलट की सूझबूझ और त्वरित निर्णय के चलते एक बड़ा हादसा टल गया। अगर हेलीकॉप्टर ज्यादा ऊंचाई से गिरता या उसमें आग लग जाती, तो जानमाल का बड़ा नुकसान हो सकता था। हेलीकॉप्टर उस महिला यात्री को लेने गया था, जिसकी हालत नाजुक बताई जा रही थी, लेकिन तकनीकी खामी के चलते उसे वापस नहीं लाया जा सका।
कुछ ही दिन पहले उत्तरकाशी के गंगनानी क्षेत्र में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी। इन घटनाओं के बाद हेली सेवाओं की सुरक्षा और फिटनेस को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।
ऋषिकेश एम्स की एयर एंबुलेंस की तकनीकी स्थिति को लेकर पहले भी कई बार सवाल खड़े हो चुके हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सेवा आवश्यकता के समय उड़ान भरने में असमर्थ रहती है। राहुल चौबे ने बयान दिया है कि दुर्घटना के कारणों की जांच कराई जाएगी। हालांकि जब तक जांच पूरी होती है, यह सेवा बंद कर दी गई है।
जब यह हेली एंबुलेंस सेवा शुरू हुई थी, तब भी पहले ही दिन उड़ान न भर पाने के कारण इसे लेकर संदेह जताया गया था। अब इस ताजा घटना ने एक बार फिर हेलीकॉप्टर सेवाओं की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है।

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