देहरादून, 27 अगस्त। लोकसभा चुनाव के बाद उत्तराखंड विधानसभा की दो सीटों के लिए हुए उपचुनाव में जीत के बाद अब कांग्रेस का जोश हाई है और वह केदारनाथ सीट पर भी अपनी जीत को सुनिश्चित मानकर चल रही है। भले ही अभी इस सीट पर होने वाले उपचुनाव की कोई तारीख अभी तय नही लेकिन कांग्रेस बहुत पहले से इस चुनाव की तैयारी में जुट चुकी है। वहीं भाजपा जो हमेशा ही उपचुनाव जीतती आई है उसके लिए भी यह केदारनाथ का उपचुनाव उसकी नाक तथा मुख्यमंत्री धामी की प्रतिष्ठा का सवाल बन चुका है क्योंकि लक्सर और बद्रीनाथ सीटों पर हार के बाद भाजपा के अंदर भी कई सवाल सर उठाते दिख रहे हैं।
केदारनाथ धाम की मान प्रतिष्ठा की लड़ाई की अगुवाई करने वाले कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने एक बार फिर दिल्ली के केदारनाथ धाम ट्रस्ट पर सवाल उठाते हुए कहा है कि भले ही दिल्ली में बनाए जा रहे केदारनाथ धाम मंदिर के निर्माण पर रोक लगा दी गई हो लेकिन यह न्याय अभी भी अधूरा है। सरकार जब तक केदारनाथ मंदिर ट्रस्ट दिल्ली से अब तक वसूले गए चंदे को बद्री केदार समिति को लौटाने की व्यवस्था नहीं की जाती है तथा भूमि पूजन के लिए केदारनाथ धाम से ले जाई गई केदारशिला को ससम्मान लाकर केदारनाथ धाम में स्थापित नहीं किया जाता है तब तक वह चुप नहीं बैठेंगे।
उधर मंगलवार को सतपाल महाराज ने इस मुद्दे पर अपनी सफाई देते हुए कहा है कि जब दानदाता द्वारा 23 किलो सोना दान किया गया तो फिर 224 किलो सोने की बात कहां से पैदा हो गई। आज तक दानदाता ने भी इसकी कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता बेवजह ही भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसकी जांच गढ़वाल कमिश्नर द्वारा कराई गई थी जो शासन के पास पड़ी है जैसे ही मिलेगी इसे हम सार्वजनिक कर देंगे। दरअसल शैला रानी रावत के निधन के बाद खाली हुई इस सीट पर जो उपचुनाव होना है उसी को लेकर भाजपा—कांग्रेस के बीच रस्साकशी जारी है। बात चाहे कांग्रेस की धामों की प्रतिष्ठा बचाओ अभियान के तहत की गई केदारनाथ पदयात्रा की बात हो या सोना चोरी की इन सभी विवादों में केदारनाथ उपचुनाव ही है।

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