देहरादून, 05 अक्टूबर । उत्तराखंड के निकाय चुनाव कब होंगे इस सवाल का अभी कोई स्पष्ट जवाब किसी के पास नहीं है। निकायों का कार्यकाल पूरा होने के बाद निकायों का काम—काज प्रशासनो के हवाले है। वृहस्पतिवार को राजधानी दून में विधानसभा की प्रवर समिति की अंतिम और तीसरी बैठक हुई जिसमें ओबीसी आरक्षण पर कोई फैसला न हो पाने के कारण अब प्रवर समिति की रिपोर्ट को बैकग्राउंड में ही रखने का फैसला लिया गया है, लेकिन प्रवर समिति के सदस्यों का एकमत से यह भी कहना जरूर है कि निकायों के चुनाव इसी साल यानी 2024 में ही होने चाहिए इन्हें 2025 के लिए नहीं टाला जाना चाहिए। समिति ने कहा कि वर्तमान स्थानीय निकाय चुनाव भी जनसंख्या जनगणना 2011 के आधार पर किए जाएंगे।

समिति अध्यक्ष ने बताया कि प्रवर समिति का कार्यकाल 8 अक्टूबर को समाप्त हो रहा था। प्रवर समिति का आग्रह है कि इस कार्यकाल को और बढ़ाया जाए ताकि नगर निकाय चुनाव के संदर्भ में और महत्वपूर्णय नर्णिय लिए जा सके। इसे लिए विधानसभा अध्यक्ष तथा संबंधित लोगों से आग्रह किया जाएगा। सरकार द्वारा 10 नवंबर को चुनाव की अधिसूचना जारी तथा नामांकन आदि चुनावी कार्य पूरा कर 15 से 20 दिसंबर तक चुनाव कराने का कार्यक्रम तैयार किया गया है। निकाय चुनाव से पूर्व ओबीसी आरक्षण का संशोधन विधेयक विधानसभा की प्रवर समिति को सौंप दिए जाने से इसका इंतजार लंबा खिंचता चला गया। आयोग भी अब इसी के अनुसार चुनावी तैयारी करने में जुटा है। प्रवर समिति का कार्यकाल 8 अक्टूबर को समाप्त हो रहा है लेकिन ओबीसी आरक्षण पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। समिति की बैठक में सदस्यों ने इस बात की आशंका जताई है कि ओबीसी की गिनती में गड़बड़ी हो सकती है तथा उत्तर प्रदेश और हिमाचल के ओबीसी को भी उत्तराखंड के ओबीसी में गिना जा सकता है, जो उचित नहीं होगा।
उधर इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि भाजपा चुनाव से डर कर भाग रही है। उन्होंने कहा कि जब ओबीसी आरक्षण संशोधन विधेयक को विधानसभा अध्यक्ष ने प्रवर समिति को सौंपा था तभी यह स्पष्ट हो गया था कि भाजपा किसी भी तरह चुनाव टालना चाहती है। उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं का अपहरण करना ही है।
इस बैठक में अध्यक्ष शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, सदस्य विनोद चमोली, मुन्ना सिंह चौहान, शहजाद, खजानदास, ममता राकेश, हरीश धामी सदस्य नामित किए गए हैं। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण नर्णिय लिये गए।

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